घमंडी का सिर नीचा एक वन में एक बारहसिंघा रहता था।
उसका सुनहरा शरीर और सिंह बहुत सुंदर थे उसे अपने सुंदर सिंह ऊपर बहुत ज्यादा घमंड था किंतु वे अपनी पत्नी खूब टांगों को देख कर बहुत दुखी होता था।फिर भी वह स्वयं को वन के सभी जीव जंतुओं से सुंदर समझता था। इस विचार ने बारहसिंघा को बहुत घमंडी बना दिया था एक दिन वह बारिश में नदी के किनारे जल पी रहा था जल में वे अपनी परछाई देखकर फूला नहीं समा रहा था।
सभी पक्षियों का शोर उसके कानों में पड़ा।
उसने देखा कि एक शिकारी उसके और बढ़ रहा है यह देख बार सिंगर तेजी से भगा परंतु कुछ ही दूर पर घनी लेता हूं का एक कुंज था उसने बारहसिंघा के सुंदर सिंह अटक गए रेसिंग निकालने की जितनी कोशिश करता है उतनी ही वह और उलझ जाता।शिकारी ने लगता हूं कि कुंज में पहुंचकर उसे बार सिंह को पकड़ लिया बंदी होने पर वह सोचने लगा कि जिन क्रूपोर्टल को को वह गुस्सा करता था उन्होंने तो उसे बचाया परंतु जिन सुंदर सुनो पर उसे गर्व था उन्होंने
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